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खाद्य पदार्थों के मिलावटखोरों के लिए बुरी खबर है| उत्तराखंड के रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला को अब तेल, वसा, मसाले और दालों के लिए भी एनएबीएल (नेशनल एक्रीडिटेशन फॉर बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज) सर्टिफिकेट मिल गया है|
इससे पूर्व भारत सरकार ने विश्र्लेषणशाला को दुग्ध पदार्थों के लिए सर्टिफिकेट दिया था| अब यहां से इन खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्य होगी| मिलावटखोर भी फूड लैब की रिपोर्ट को न्यायालय में चुनौती नहीं दे पाएंगे|
बताते चलें कि वर्ष 2010 में रुद्रपुर में स्थापित राज्य खाद्य एवं औषधि विश्र्लेषणशाला को वर्ष 2018 में सिर्फ दुग्ध पदार्थो की जांच रिपोर्ट के लिए एनएबीएल सर्टिफिकेट मिला था| इस कारण दूसरे खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी थम नहीं रही थी| उत्तराखंड में तेल, मसालों, वसा और दालों में मिलावटखोरी की समस्या ज्यादा है|
राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला के प्रभारी के अनुसार फ़ूड लैब को दुग्ध पदार्थों की जांच रिपोर्ट में एनएबीएल प्रमाणीकरण के लिए हॉलमार्क मिला है| नमूने फेल होने पर मिलावट खोर एनएबीएल सर्टिफिकेट न होने का लाभ उठाकर केस दर्ज के बावजूद बच निकलते थे, लेकिन अब मिलावटखोर न्यायालय में फूड लैब की रिपोर्ट को चुनौती नहीं दे पाएंगे| इस लैब में राज्य के सभी 13 जिलों के खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच होती है| इस लैब की वर्तमान में 1 साल में तीन हजार खाद्य पदार्थों की जांच की क्षमता है|
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