चैत्र नवरात्रि का आगमन -: अपने अंदर की शक्ति को जगाएं, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष देती नवरात्रि

वह शक्ति, जिसके द्वारा अवचेतन मन में पड़े हुए महिषासुर राक्षस को मार सकते हो, उस देवी को उत्पन्न करना पड़ता है सबको अपने अंदर इस देवी को जगाना पड़ता है जब वह जगती है, फिर तुम्हारे इस अवचेतन मन में पड़े हुए अंधकार और भय रूपी महिषासुर को मारती है|
2 अप्रैल से शुरू होने वाली चैत्र नवरात्रि 10 अप्रैल तक चलेंगी| व्रत का पारण 11 अप्रैल को है| नवरात्र का मतलब है धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए मां दुर्गा के नौ रूपों की साधना करते हुए रात्रि जागरण करना|
आइए जानते हैं नवरात्र में पूजा करते वक्त किन बातों का ध्यान रखें -:
लाल या सफेद ऊनी आसन पर बैठकर ही पूजा करनी चाहिए|
घर में दुर्गा की तीन प्रतिमा नहीं होनी चाहिए|
इसके अलावा दुर्गा पूजन में दूर्वा जो गणेश जी की प्रिय है तुलसी और आंवला जो भगवान विष्णु को प्रिय है का उपयोग नहीं होना चाहिए|
माता को फूलों से केवल लाल सुगंधित पुष्प ही जो उनको सार्वत्रिक प्रिय है अर्पित करना चाहिए|
इन्हें आक और मदार के फूल भी ना चढ़ाएं| बेला, केवड़ा, चमेली, कदंब, केसर, सफेद कलम, पलाश, अशोक, तगर, चंपा, मौलसिरी, केनर आदि फूलों को चढ़ा सकते हैं|
इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि मां दुर्गा की पूजा उपासना आराधना गीले कपड़ों में होने पर बिल्कुल भी ना करें|
मंदिर की केवल एक बार ही परिक्रमा करनी चाहिए|
मां भगवती को अर्चना प्रिय है और भक्त उनसे हर प्रकार की सुरक्षा की याचना कर सकते हैं|