
अल्मोड़ा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे द्वारा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की टीम से मुलाकात की गई। उन्होंने कहा कि बीते दिनों प्रो. अरुण जोशी और उनकी समर्पित टीम से मुलाक़ात का अवसर मिला।
हृदय रोग विभाग में प्रो. जोशी न केवल मरीजों को गहराई से समझते हैं, बल्कि इको मशीन का संचालन भी स्वयं करते हैं — यह दृश्य सेवा-भावना की जीवंत मिसाल था।
🔹 प्रो. पंकज सिंह (हड्डी रोग प्रमुख),
🔹 न्यूरो और यूरो विभाग की डॉक्टर टीम —
सभी सीमित संसाधनों में भी पूरे ईमान और मानवीय संवेदना के साथ सेवा दे रहे हैं।
यह जानकर और भी प्रसन्नता हुई कि यहाँ MRI और CT Scan जैसी सुविधाएं सरकारी दरों पर उपलब्ध हैं — जो आमजन, खासकर ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लिए बड़ी राहत हैं।सबसे सराहनीय बात यह है कि—
यहाँ कई ऐसे जरूरतमंद मरीजों का भी निःशुल्क इलाज किया जाता है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है,
यहाँ तक कि वे आयुष्मान या BPL कार्डधारी भी नहीं होते।
डॉक्टरों की टीम मानवता को सर्वोपरि मानकर ऐसे मरीजों को भी सम्मान और समर्पण के साथ उपचार देती है — यही असली चिकित्सा सेवा है।
हाँ, कुछ निचले स्तर के कर्मियों द्वारा मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर मोड़ने की शिकायतें भी मिलीं।
यह विषय प्राचार्य के समक्ष रखा गया। उन्होंने तत्काल जांच और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
आज जब चिकित्सा सेवा धीरे-धीरे व्यवसायिक स्वरूप लेती जा रही है ऐसे में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज जैसी संस्थाएं एक उम्मीद की लौ हैं, प्रेरणा हैं। सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे का कहना है कि वह प्रो. अरुण जोशी और उनकी पूरी टीम को हृदय से बधाई और सम्मान अर्पित करते है। टीम को सम्मान देते हुए उन्होंने कहा कि
आपने यह सिद्ध कर दिखाया कि
जब इरादे नेक हों, तो संसाधन बाधा नहीं, सफलता की सीढ़ी बनते हैं।
