अल्मोड़ा| जिले में हर तरफ बंदरों का आतंक छाया हुआ है| बंदरों के अलावा लावारिस कुत्ते भी लोगो की परेशानी का कारण है| बीते कुछ दिनों पहले ही कोचिंग पढ़ाने जा रही लड़की पर आवारा कुत्तों ने हमला किया| इसके बाद भी इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया| ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसलों को नष्ट करने में बंदर लगे हुए हैं| कुत्ते राह चलते लोगों को काट रहे हैं| एक लंबे समय से सभी लोग इस समस्या परेशानी से जूझ रहे हैं| और प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग कर रहे है| लेकिन
स्थिति जैसी थी वैसी ही बनी हुई है| जगह जगह देखा जाए तो बंदरों, कुत्तों का जमावट रहता है| जिसका सभी को भय बना रहता है| चाहे वह बच्चे हो या फिर कोई और| बंदरों का तो इतना ज्यादा आतंग है कि लोगों के घरों में घुसकर उनका सामान उठा ले जा रहे हैं अब देखा जाए तो बंदर ना तो कुत्तों से डरते है और ना ही इंसान से|
वहीं दूसरी ओर बाजार में घूमने वाले लावारिस कुत्ते भी समस्या का एक कारण है| जिसे लेकर बार-बार प्रशासन को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मांग की गई है| पूर्व में महिला कल्याण संस्था ने भी लावारिस कुत्तों से निजात दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जिसके बाद पालिका प्रशासन की ओर से बंदरों, कुत्तों के बाध्यकरण करने की कार्रवाई की गई लेकिन बंदरों का आतंक फिर भी कम नहीं हुआ क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बंदरों को बाहर से लाकर नगर की सीमा में छोड़ा जा रहा है|
प्रकाश चंद जोशी (पालिका अध्यक्ष) ने कहा कि बंदरों को कुत्तों की समस्याओं को दूर करने के लिए अनेकों बार बंदरों कुत्तों को पकड़कर बाध्यकरण की कार्रवाई की गई है| बंदरों को पकड़कर एनटीडी रेस्क्यू सेंटर में पशु चिकित्सकों से बाध्यकरण कराया जा चुका है लेकिन फिर भी इनके आतंक में कमी नहीं हो रही है बाहर से लाकर भी बंदरों को नगर सीमा में छोड़ने के कारण यह समस्या बनी हुई है| लेकिन चुनाव के बाद फिर से बंदरों, कुत्तों की बाध्यकरण की कार्यवाही की जाएगी|