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अल्मोड़ा| अब नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे स्थानीय बोली भी सीखेंगे| इसके लिए विभाग तैयारियों में जुट गया है| राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा के तहत पाठ्यक्रम तैयार किया गया है| इसे जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले नन्हे बच्चों पर लागू किया जाएगा| बताते चलें कि पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए आंगनबाड़ी ही सबसे पहले शिक्षा प्राप्त करने का जरिया होता है| ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को अपनी बोली सीखने के लिए प्रेरित किया जाएगा| शिक्षा के स्तर को और अधिक बेहतर बनाने के लिए नई शिक्षा नीति तैयार की गई है| इसके तहत बनने वाले नए सिलेबस में स्थानीय बोली को भी शामिल किया गया है| आगनबाडी में पढ़ने वाले 3 साल से अधिक उम्र के बच्चों को तैयार किए पाठ्यक्रम के हिसाब से पढ़ाया जाएगा| इससे पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों को अपने प्रदेश के इतिहास और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को समझ सकेंगे| वहीं जिला विभाग अभिभावकों को भी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में भेजने के लिए प्रेरित करेगा|
डायट प्रवक्ता गोपाल सिंह गैड़ा ने कहा, नई शिक्षा नीति में स्थानीय बोली के तहत पाठ्यक्रम तैयार किया गया है| आंगनबाड़ी केंद्रों में अध्ययनरत बच्चों को स्थानीय बोली के माध्यम से भी अपनी बोली को सीखने के लिए प्रेरित किया जाएगा|
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