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अल्मोड़ा| संस्कृत भारती द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया| जिस गोष्ठी का आयोजन जाखन देवी स्थित डॉ निर्मल पंत के आवास में किया गया|
गोष्ठी में सह प्रांत शिक्षण प्रमुख डॉ प्रकाश चंद्र जांगी ने वार्षिक योजना को प्रस्तुत करते हुए बताया कि गत वर्ष में हमारे द्वारा कौन-कौन से कार्य किए गये| तथा अग्रिम वर्ष 2023 -24 में कौन-कौन से कार्य हमारे द्वारा किए जाने हैं, उन पर विस्तार से चर्चा की|
डॉ जॉगी ने संस्कृत भारती के उद्देश्य को भी स्पष्ट किया उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की मूल भी संस्कृत है| अतः हम सभी को यदि भारतीय संस्कृति को संरक्षित रखना है तो संस्कृत को जनसामान्य तक पहुंचाना होगा|
गोष्ठी में जनपद अध्यक्ष डॉ निर्मल पंत ने कहा कि सर्वप्रथम हमें किसी भी योजना को बनाने के लिए नियमित रूप से महीने में एक बार बैठना पड़ेगा, जिसमें हम आने वाले कार्यक्रमों की विस्तार से चर्चा कर पाएंगे|
पूर्व विभाग संगठन मंत्री अनिल ढौण्डियाल ने कहा कि हमें संभाषण शिविरों का आयोजन करना होगा क्योंकि संस्कृत भारती का मूल उद्देश्य है कि संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाना, वह तभी संभव होगा जब हम अनेक स्थानों पर संस्कृत संभाषण शिविरों का आयोजन करेंगे|
पूर्व जनपद संयोजक अर्जुन चंद्र पांडे ने कहां की आधुनिक युग में संस्कृत को पढनें के लिए नयी पीढी़ को प्रेरित करना होगा|
गोष्ठी में अनेक गणमान्य मौजूद रहे| सभी ने मासिक उपवेशन, संभाषण शिविर, संभाषण संदेश पत्रिका , बाल केंद्र, जनपद संस्कृत सम्मेलन आदि विषयों में संक्षिप्त रूप से अपने विचार व्यक्त किए|
जिनमें डॉ हेम चंद्र तिवारी (आधुनिक कवि), तारा सिंह बिष्ट, संजय भट्ट, सुरेश चंद्र पोखरिया, सेवानिवृत्त अध्यापक अशोक कुमार उप्रेति , कमला खत्री , शोभा आदि शोध छात्राएं भी मौजूद रहें|
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