अल्मोड़ा :- वर्चुअल आयोजित हुआ महर्षि आदि कवि वाल्मीकि मास महोत्सव, पढ़े पूरी खबर

उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के निर्देशन में महर्षि आदिकवि बाल्मीकि-मास महोत्सव का आयोजन उत्तराखण्ड के 13 जनपदों में मनाया जा रहा है|


राम सिंह धौनी राजकीय महाविद्यालय, जैती, अल्मोड़ा के संस्कृत विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत डॉ केशव दत्त जोशी को अल्मोड़ा का जनपद संयोजक बनाया गया तथा जनपद सह-संयोजक जन्तुविभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राधेश्याम को बनाया गया|
जनपद संयोजक के दायित्त्व का निर्वहन करते हुए दिनाँक 24 नवम्बर को कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया| जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उच्चशिक्षा निदेशक उत्तराखण्ड प्रो० सी डी सुंठा, अध्यक्ष प्रो० संतोष कुमार, मुख्यवक्ता प्रो० लज्जा पन्त (भट्ट), सहवक्ता डॉ० विद्याकान्त पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि डॉ० ललित पाण्डेय, सारस्वत अतिथि के रूप में डॉ० साहिब सिंह वर्मा एवं अनेक विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं संस्कृत भाषा के प्रेमी अनेक संस्थाओं से जुड़े हुए गणमान्य लोगों ने प्रतिभाग किया|


कार्यक्रम का शुभारम्भ तीन वर्ष के बालक शौर्य जोशी ने किया| जिसकी मनमोहक बालप्रस्तुति की सभी गणमान्यों ने भूरि- भूरि प्रशंसा की। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो० सी डी सूँठा ने व्यक्ति एवं समाज के सर्वागीण विकास के लिए संस्कृत भाषा एवं उसमें लिखे गए वेद एवं रामायण आदि ग्रन्थों को महत्त्वपूर्ण बताया|
मुख्य वक्ता प्रो० लज्जा भट्ट ने बाल्मीकि रामायण में शिक्षा एवं उपदेश इस विषय पर बहुत ही सारगर्भित रूप में प्रभावी व्याख्यान रखा।


सहवक्ता डॉ० विद्याकान्त पाण्डेय ने रामायण के एक एक शब्द को मनुष्य के लिए मृतसंजीवनी के समान बतलाते हुए प्रभावी विचार रखे।
विशिष्ट अतिथि डॉ ललित पाण्डेय ने संस्कृत साहित्य को विश्व का श्रेष्ठतम साहित्य बतलाते हुए अनेक उपयोगी पक्ष रखे।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय विचार रखते हुए प्रो० संतोष कुमार ने इस प्रकार के कार्यक्रमों को संस्कृत के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण बतलाते हुए कार्यक्रम के आयोजकों को विशेष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम के राज्य संयोजक डॉ० हरीश चन्द्र गुरुरानी ने उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के द्वारा संस्कृत के प्रचार प्रसार हेतु किए जा रहे प्रयासों को सभा के सम्मुख रखा तथा जनपद अल्मोड़ा के द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सफलतम कार्यक्रम कहते हुए आयोजकों को बधाई भी दी।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ0 केशव दत्त जोशी ने किया तथा कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ राधेश्याम ने किया।
कार्यक्रम में डॉ० प्रकाश चन्द्र मठपाल, डॉ० महिपाल सिंह कुटियाल, डॉ० लीलाधर मिश्र, डॉ० धीरज सिंह खाती, डॉ० हिमांशु पन्त, डॉ दिनेश चन्द्र पाण्डेय, डॉ० खुशबू शुक्ला, डॉ० अजय गिरि, डॉ० कैलाश शर्मा, डॉ० प्रकाश चन्द्र जांगी, डॉ० ओम प्रकाश, डॉ० रीतेश प्रसाद टम्टा, डॉ० धर्मेन्द्र सिंह, डॉ० हेमचन्द्र, पूजा जोशी, सुधा जोशी , कविता जोशी, शौर्य जोशी, भावना काण्डपाल, डॉ० रेनु लोशाली, डॉ० पूनम आर्या, डॉ० हेमलता ओली, डॉ भुवन मेलकानी, डॉ। रघुनाथ भट्ट श्री मनोज इजराल नीमा महरा, ज्योति बिष्ट, अञ्जलि महरा, भास्कर काण्डपाल सहित अनेक संस्कृत प्रेमी लोगों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया|
अन्त में शान्ति मन्त्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ|