अल्मोड़ा:-उत्तराखंड के दांडी यात्री सेनानियों पर आयोजित हुआ व्याख्यान

अल्मोड़ा। सोबान सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के इतिहास विभाग में आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य गिरीश चंद्र जोशी ने ‘दांडी यात्रा: कुमाऊं का योगदान’ विषय पर शोधपरक व्याख्यान दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में दांडी यात्रा के 79 सेनानियों का उल्लेख है। जबकि गांधी जी के इस महत्वपूर्ण अभियान में कुमाऊं के भैरव दत्त जोशी तथा ज्योतिराम कांडपाल को इस यात्रा में शामिल किया गया था इस प्रकार दांडी यात्रा में शामिल होने वाले कुल सेनानियों की संख्या 81 थी। उन्होंने कई उदाहरणों को उद्घाटित करते हुए दांडी यात्रा के रोचक रहस्य को श्रोताओं के सामने रखा इस संदर्भ में उन्होंने उस समय प्रत्येक दांडी यात्रा के सेनानियों को दी जाने वाली डायरी की बात कहते हुए भैरव दत्त जोशी की डायरी भी दिखाई। व्याख्यान कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर बीएस नेगी ने इतिहास विभाग को नैनीताल से डॉक्टर रश्मि पांडे द्वारा प्राप्त दीपचंद के श्री शाके के 1677 के ताम्रपत्र का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि अधिष्ठाता प्रशासन प्रोफेसर प्रवीण बिष्ट ने इस प्रकार के कार्यक्रमों को सभी के लिए लाभप्रद बताया। कर्नल प्रकाश पंत तथा प्रोफेसर एस ए हामिद ने स्थानीय इतिहास के गुमनाम नायकों को निरंतर उद्घाटित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। अध्यक्षीय उद्बोधन में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल जोशी ने कहा कि विभाग के सभी सदस्यों की सक्रियता के कारण ही इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन संभव हो पाया है। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर चंद्रप्रकाश फुलोरिया ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर इला बिष्ट, डॉ तेजपाल, राजेंद्र जोशी, प्रेमा खाती, गोकुल दे, डॉ रवि कुमार, चंदन जीना ,जीवन भट्ट, माला, पूजा बिष्ट, नरेंद्र कुमार ,दीपा बिष्ट आदि उपस्थित रहे।