अल्मोड़ा, अखौड़ कुमाउनी का पहला मौलिक लघुकथा संग्रह है इस लघुकथा संग्रह में कथाकार डॉ० पवनेश ने समाज की वास्तविकता को उजागर करने वाली लघुकथाएं लिखी हैं। यह बात सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व वर्तमान शोध निदेशक प्रो० जगत सिंह बिष्ट ने ‘अखौड़’ का लोकार्पण करते हुए कही।
खोल्टा स्थित एक कार्यक्रम में डॉ० पवनेश ठकुराठी द्वारा लिखित कुमाउनी लघुकथा संग्रह ‘अखौड़’ का लोकार्पण करते हुए प्रो० बिष्ट ने कहा कि अखौड़ की लघुकथाएं गागर में सागर हैं। लेखक डॉ० पवनेश ठकुराठी ने कहा कि ‘अखौड़’ पुस्तक में कुल 60 लघुकथाएं संगृहीत हैं। ये लघुकथाएं अपने समय की सच्चाई का उद्घाटन करती हैं।
लोकार्पण कार्यक्रम में डॉ० चंदन पांडे, दीपा बिष्ट, डॉ० हयात सिंह रावत, दिग्विजय सिंह, महेंद्र सिंह, ललित तुलेरा, शशि शेखर आदि लोग मौजूद रहे।