
गीताजयंती के पावन अवसर पर विकसित भारत संकल्प यात्रा के अर्न्तगत कार्यशाला का शीर्षक भारतीय कला मे श्रीमद्भागवत गीता का प्रभाव गीता के अध्यात्म,दर्शन, ज्ञान-विज्ञान कथा तथा राधाकृष्ण की लीलाओं के विशेष संदर्भ में है। चित्रकला का आयोजन दृश्यकला संकाय सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में 22 दिसम्बर 2023 से प्रारंभ हो चुका है।
दो दिवसीय राष्ट्रीय चित्र निर्माण कार्यशाला, प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता कार्यशाला का शीर्षक : भारतीय कला मे श्रीमद्भागवत गीता का प्रभाव गीता के अध्यात्म,दर्शन, ज्ञान-विज्ञान कथा तथा राधाकृष्ण की लीलाओं के विशेष संदर्भ में है। शुभारम्भ अवसर पर प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट, कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने समस्त प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की है। प्रोफेसर प्रवीण बिष्ट परिसर निदेशक के दिशानिर्देशानुसार कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफेसर शेखर चंद्र जोशी अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं प्रोफेसर सोनू द्विवेदी शिवानी संकायाध्यक्ष दृश्यकला संकाय तथा प्रो संजीव आर्या द्वारा कैनवास पर रगों से स्टोक लगाकर किया किया गया। विशेष सहयोग प्रदान कर रहे प्रज्ञा प्रवाह विचार मंच से भगवती प्रसाद राघव क्षेत्रीय प्रभारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड द्वारा कहा गया कि गीता के परमात्तवय ज्ञान का प्रचार प्रसार करना एक पावन कार्य विश्वविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय है। संस्कार भारती के क्षेत्रीय प्रभारी देवेंद्र रावत ने प्रतिभागियो को साधुवाद प्रेषित किया। इस कार्यशाला मे चित्रकला विभाग एवं दृशयकला संकाय के युवा कलाकारों सहित कुल 150 युवा कलाकार प्रतिभाग कर रहें है, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने इतनी बड़ी संख्या मे युवाकलाकारों के प्रतिभाग करने पर कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर सोनू द्विवेदी शिवानी और संयोजक मंडल रमेश मौर्या, योगेश डसीला, पूरन मेहता तथा विशेष सहयोग कर रहे वरिष्ठ छात्र पंकज जायसवाल, पंकज को बधाई प्रेषित की है। उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान युवा वर्ग को संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देता है, कार्यशाला में बने चित्रो की प्रर्दशनी 26 से 28 दिसम्बर 2023 में होनी है।
