Almora- बदल गए कितने नेता मगर समस्याओं को नहीं कर पाए दूर, जानिए कैसी है ताड़ीखेत ब्लॉक के गांवों की स्थिति

तारीखेत अल्मोड़ा। ताड़ीखेत ब्लॉक के गांव में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि उत्तराखंड जब से अलग राज्य बना है तब से कितने चुनाव आए कितने चुनाव गए और इस दौरान कितने नेता बदल गए हैं मगर उनके गांव में पेयजल की स्थिति आज भी नहीं सुधरी। ताड़ीखेत ब्लॉक के गांवो के लिए 1970 में आई ताड़ीखेत- गगास पेयजल योजना का अभी तक पुनर्गठन नहीं हो पाया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना का 80% पानी सैनिकों और 20% पानी चिनियानौला नगर पालिका समेत 39 गांवों को जाता है।

और वर्ष 2018 में आई हुई तिपौला ग्राम समूह पेयजल योजना एसी योजना है जो अभी तक संस्थान को हस्तांतरित ही नहीं की गई है। और आसपास के सिमौली, पथुली, गैरड समेत कई गांव की स्थिति ऐसी है कि इस भारी ठंड में भी ग्रामीणों को बूद- बूद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। तथा इस संबंध में गैरड़ निवासी ग्रामीण किशन सिंह बिष्ट समेत कई ग्रामीणों का कहना है कि वह शिकायत करते करते परेशान हो गए हैं मगर फिर भी उनके गांव में पेयजल योजना अभी तक सुचारू नहीं हो पाई है। तथा सिमौली गांव के ग्राम प्रधान दीपेंद्र पांडे ने बताया कि सीएम पोर्टल में भी ग्रामीणों द्वारा शिकायत दी गई है मगर फिर भी कोई अधिकारी इस बात की सुनवाई करने को तैयार नहीं है उत्तराखंड बनने के बाद कई नेता बदल गए हैं मगर हमारे गांव की समस्याएं वही पुरानी है।