अल्मोड़ा। जिला मुख्यालय से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव है पाटीया, यह गांव अपने आप में कई ऐतिहासिक विरासत समेटे हुए हैं| जिनमें से एक है यहां खेले जाने वाली बग्वाल|
दरअसल कई 100 वर्षों से यहां दिवाली के दूसरे दिन अर्थात गोवर्धन के दिन बग्वाल खेली जाती है| जिसकी शुरुआत गाय खेल अथवा गो पूजन से होती है|
बताया जाता है कि यह बग्वाल चंद्र राजवंश के समय से चली आ रही है, जो मुख्यतः भी भेटुली नदी के किनारों पर बसे 4 खामो पार्टियां कोटियुडा भटगांव कसून और भेटूली के मध्य खेली जाती है|
आधुनिकता के इस दौर में यह बग्वाल मेला महज एक औपचारिकता रह गया है| स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इसके संरक्षण संवर्धन और एक उचित तरीके से आयोजन से क्षेत्र को नई उपलब्धि मिल सकती है।
इस बार दिवाली के दूसरे दिन अमावस्या तथा सूर्य ग्रहण है| जिसके कारण यह बग्वाल बुधवार के दिन खेली जाएगी|