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अल्मोड़ा। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है| यह पत्र अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी का है| जिन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और अल्मोड़ा के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष के कहने पर विद्यालयी छात्रों को राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल करने का आदेश जारी कर दिया|
इतना ही नहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी ने छात्रों के साथ-साथ दो- दो शिक्षकों को भी कार्यक्रम में भेजे जाने का आदेश जारी कर दिया|
इस मामले का पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद विपक्ष ने भी भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाने शुरू करती है| वहीं लोग भी प्रशासनिक अधिकारी के इस रवैये पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहे हैं|
आपको बताते हैं विगत 16 फरवरी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का जिला अधिवेशन नंदा देवी प्रांगण में आयोजित किया गया था जिसमें विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कई विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी शिरकत की|
इतना ही नहीं संगठन के पदाधिकारियों ने विद्यालयी बच्चों के हाथ में संगठन का झंडा पकड़ाकर उनसे नारे और बाजार में रैली भी निकलवाई थी| हालांकि इस मामले पर विद्यार्थी परिषद के किसी कार्यकर्ता अथवा पदाधिकारी का आधिकारिक स्पष्टीकरण अभी नहीं आया है|
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This education officer must be punished .It’s a shameful act of this so called education officer.The human rights activist should also take notice and rise voice against such government servant.It appears some other socio political activist also may involved so hard action also must be taken against such culprits