
अल्मोड़ा। दि प्लेज़ेंट वैली स्कूल में 14 से 17 नवम्बर तक “कैरोसेल ऑफ कल्चर – लज़गी व भारतीय नृत्य महोत्सव” सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में भारत और उज़्बेकिस्तान की पारंपरिक नृत्य और सांस्कृतिक विरासत का शानदार प्रदर्शन किया गया
कार्यक्रम में उज़्बेकिस्तान से पधारे प्रोफेसरों, शोधकर्ताओं और कलाकारों ने विशेष सहभागिता निभाई। इनमें प्रमुख रूप से—
प्रो. असरोर एलियरोव प्रो हल्कार हमरेवा, शखलोफा इसखनोवा, डॉ चरस इशाखनोवा, प्रो बोर्नो अब्दुरखामोनिवा, डॉक्टर फरीदा खान करीमोवा, प्रोफ़ेसर गवहर माल्या करीमओवा, मज़दूर लागाज़ी नृत्यांगना दिलरोज मामीटोवा, नादिरा, मुबारक, सलामत, रोसोलत व हिलोला
आदि शामिल रहे।
भारत की ओर से—
अल्मोड़ा से कवयित्री माया गोला, भीमताल से राजीव कुमार=दिल्ली से डॉ. संतोष पटेल, रंजू कुमारी, पंकज त्रिपाठी, ईश मलिक, सोनी चौहान, सरिता गुप्ता एवं डॉ. पुष्कर—ने गरिमामयी उपस्थिति और सक्रिय योगदान दिया।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
उज़्बेक लज़गी नृत्य एवं भारतीय शास्त्रीय/लोक नृत्यों की मनोहारी प्रस्तुतियाँ
सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर आधारित संगोष्ठी एवं चर्चा-परिचर्चाएँ
छात्रों और कलाकारों के बीच इंटरएक्टिव सत्र तथा कार्यशालाएँ
भारत–उज़्बेकिस्तान सांस्कृतिक मैत्री को नई दिशा देने का संकल्प
विद्यालय प्रबंधन एवं प्राचार्य ने सभी अतिथियों, कलाकारों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और आयोजन टीम का हृदय से धन्यवाद प्रकट किया, जिनके सहयोग से यह अंतरराष्ट्रीय महोत्सव अत्यंत सफल रहा।
सम्मान : इस कार्यक्रम में उपस्थित दोनों देशों के समस्त कलाकारों, साहित्यकारों और नृत्यांगनाओं को सर्टिफिकेट व मोमेंटो प्रदान किया गया।
समापन संदेश
दि प्लेज़ेंट वैली स्कूल भविष्य में भी ऐसे अंतरराष्ट्रीय, सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को वैश्विक दृष्टि एवं बहुसांस्कृतिक समझ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. संतोष पटेल ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया।


