अल्मोड़ा:- राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में “सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन”को लेकर यहां चलाया गया जागरूकता अभियान

उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशन एवम् अध्यक्ष , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा श्रीकांत पाण्डेय के मार्गदर्शन में सुश्री शचि शर्मा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा द्वारा सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर व ड्रग इंस्पेक्टर अल्मोड़ा के साथ दिनांक-18-08-2025 को दो दिवसीय सुरक्षित दवा: सुरक्षित जीवन अभियान के अनुक्रम में दूरस्थ दुर्गम क्षेत्र स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विद्यालय जलना में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। उपस्थित विद्यार्थियों को एक्सपायर्ड दवाओं के दुष्प्रभाव,नशीली दवाओं के दुष्परिणाम, रोकथाम, सुरक्षित दवाईयों का प्रयोग, नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100, नालसा, सालसा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्य, निशुल्क विधिक सहायता की प्रक्रिया, “स्थाई लोक अदालत: न्याय की बात हमारे साथ ” स्थाई लोक अदालत के लाभ, भूमिका, पाक्सो अधिनियम व 1 जुलाई 2025 से 90 दिन तक चल रहे मध्यस्थता राष्ट्र के लिए अभियान व आगामी दिनांक- 13/09/2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत आदि की जानकारी दी गई व अभियान से संबंधित पम्फलेट भी वितरित किये गये।शिविर में सुरक्षित दवा से संबंधित नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तहसील लमगड़ा व ग्राम- जलना में संचालित लीगल एड क्लीनिक में विजिट किया गया व अधिकार मित्रों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा, सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर मीनाक्षी बिष्ट, ड्रग इंस्पेक्टर अल्मोड़ा पूजा जोशी एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी लमगड़ा डा० कमलेश जोशी व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी गौना आयुर्वेदिक डा० संजय कुमार द्वारा सुरक्षित दवा-सुरक्षित जीवन अभियान के अनुक्रम में लमगड़ा के विभिन्न मेडिकल स्टोरों का संयुक्त औचक निरीक्षण किया गयाI निरीक्षण के दौरान एक्सपायर्ड दवाईयों की जांच की गयी एवं मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस भी चेक किए गए।सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा द्वारा बताया गया कि कुछ मेडिकल स्टोरों में एक्सपायरी बॉक्स नहीं बनाए गए हैं व कैमरे नहीं लगाये गये है।कुछ मेडिकल स्टोरों में बहुत गंदगी पायी गई व एक मेडिकल स्टोर का क्रय विक्रय रोका गया क्योंकि मेडिकल स्टोर बिना मलिक व फार्मासिस्ट के संचालित किया जा रहा था एवं वहाँ बी.पी.पी.आई स्टेण्डर्ड्स का पालन नहीं किया जा रहा था।एक्सपायर्ड डेट की दवाईयां लोगों के लिए बहुत हानिकारक हो सकती है।मेडिकल स्टोरों में नियमानुसार एक्सपायरी बॉक्स बनाने और सभी ग्राहकों को बिल उपलब्ध कराने एवं दुकानों में कैमरा लगवाने आदि निर्देश मेडिकल स्टोर संचालकों को दिए गये।