वैज्ञानिकों के बीच वर्तमान समय में हाल ही में खोजा गया शुद्र ग्रह 2023- डी डब्ल्यू चर्चा में बना हुआ है। खगोल वैज्ञानिकों ने आशंका जताई थी कि 2046 में इसके धरती से टकराने की 99.86 प्रतिशत आशंका है लेकिन इसे नासा द्वारा खारिज कर दिया गया है क्योंकि यह शुद्र ग्रह 50 मीटर व्यास का है। नैनीताल के आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडे द्वारा बताया गया है कि 2023- डी डब्ल्यू को पहली बार 27 फरवरी को देखा गया था और प्रारंभिक गणना के अनुसार इसके 2046 में पृथ्वी से टकराने की आशंका भी जताई गई थी इसलिए यह वैज्ञानिकों में आकर्षण केंद्र बना रहा। लेकिन ताजा गणना के अनुसार यह शुद्र ग्रह पृथ्वी से 18 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा और इसलिए इसके टकराने की संभावना को खारिज कर दिया गया है। इस क्षुद्रग्रह को खतरनाक शुद्र ग्रह की सूची में शामिल किया गया है और ब्रह्मांड में अधिकतर शुद्र ग्रह ऐसे हैं जो कि मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं से गुजरते हैं और अब तक जितने भी शुद्र ग्रह खोजे गए हैं उनमें से 97 प्रतिशत ऐसे शुद्र ग्रह है जोकि मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच से ही सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इनमें से कुछ बृहस्पति की कक्षा में आगे और पीछे समूह बनाकर सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
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