इस राज्य में भारी विरोध के बावजूद ‘अफस्पा’ लागू, जानिए क्या है यह विशेष कानून

स्थानीय स्तर पर भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) के तहत नागालैंड की स्थिति को अशांत और खतरनाक घोषित कर दिया साथ ही 30 दिसंबर से छह और महीनों के लिए पूरे नागालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है|


गुरुवार को गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि, पूरे नागालैंड राज्य का क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है| यह अधिसूचना गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल द्वारा जारी की गई|


यह कदम केंद्र सरकार ने ऐसे वक्त पर उठाया है जब उसने नागालैंड से विवादास्पद अफस्पा को वापस लेने की संभावना की जांच के लिए कुछ दिन पहले ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था| गोयल को समिति में सदस्य सचिव नामित किया गया है| समिति के अध्यक्ष सचिव स्तर के अधिकारी विवेक जोशी हैं| समिति को 45 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी है|


आइए जानते हैं कि यह कानून है क्या -: यह कानून सुरक्षाबलों को विशेष शक्तियां प्रदान करता है इसके तहत वे उग्रवादियों के खिलाफ न केवल अभियान चला सकते हैं, बल्कि इस कानून के तहत वह बिना किसी वारंट के भी किसी को गिरफ्तार कर सकते हैं| अभियान के दौरान यदि उनकी गोली से किसी को भी गोली लग जाती है तो ऐसे हालात में उन पर अभियोग चलाने और गिरफ्तारी से छूट मिलती है|