28 को भारत के नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में पुनर्जीवित होगी एक ऐतिहासिक परंपरा, जानिए👇

भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को किया जाएगा| इस संबंध में आज प्रेस वार्ता के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी 60 हजार श्रमिकों का सम्मान करेंगे|
उन्होंने कहा नया संसद भवन हमारे इतिहास, संस्कृति, विरासत, परंपरा और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का सुंदर प्रयास है| नई संरचना को रिकॉर्ड समय में पूरा करने में 60 हजार श्रम योगियों ने अपना योगदान दिया है| इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी उनका उद्घाटन समारोह में सम्मान करेंगे|


उद्घाटन समारोह के दौरान एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित हो रही है| 28 मई को आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री संसद के नए भवन को देश को समर्पित करेंगे| प्रधानमंत्री के दूरदर्शिता का परिणाम नया संसद भवन है| आजादी के अमृत महोत्सव में पीएम ने जो लक्ष्य तय किए थे उनमें से एक लक्ष्य था हमारी ऐतिहासिक परंपराओं का सम्मान और पुनर्जागरण|


उन्होंने कहा नए संसद भवन में सेंगोल रखा जाएगा| सेंगोल अंग्रेजों से सत्ता मिलने का प्रतीक है| सेंगोल जिसे प्राप्त होता है उससे न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन की अपेक्षा की जाती है|
सेंगोल की स्थापना के लिए देश का संसद भवन अधिक उपयुक्त स्थान है| संसद से अधिक उपयुक्त, पवित्र और उचित स्थान कोई नहीं हो सकता|
उन्होंने कहा सेंगोल को किसी संग्रहालय में रखना अनुचित है| इसलिए पीएम मोदी जब संसद भवन देश को समर्पित करेंगे तब उन्हें तमिलनाडु से लाया सेंगोल प्रदान किया जाएगा| ऐतिहासिक सेंगोल का इस्तेमाल पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी 14 अगस्त 1947 को किया था| अंग्रेजों ने सत्ता भारत को सौंपते हुए सेंगोल का उपयोग किया था|
सेंगोल एक तमिल शब्द है, जिसका अर्थ है धन से भरा हुआ| सेंगोल के पीछे युगों पुरानी परंपरा जुड़ी है, जो हमारे इतिहास की पहचान है| अब नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान सेंगोल देश के सामने रखा जाएगा|
इस दौरान अमित शाह ने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रम में सभी विपक्षी नेताओं को बुलाया गया है| हमें संसद के उद्घाटन कार्यक्रम का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए|