नई दिल्ली| केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को स्कूल खोलने पर फैसला लेने को कहते हुए कहा है कि शिक्षकों और अन्य स्टाफ का बड़े पैमाने पर टीकाकरण पूरा हो गया है जिस कारण तीसरी लहर में गिरावट आ रही है| शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वीटी चांगसान ने कहा कि राज्यों के साथ विचार विमर्श के बाद इस सिलसिले में पहले ही दिशा निर्देश संशोधित किए जा चुका है|
नीति आयोग के अध्यक्ष और टीकाकरण पर टास्कफोर्स के प्रमुख डॉ वीके पाल ने कहा कि केंद्र सिर्फ यह जाता है कि स्कूल खुलने की स्थिति में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए| स्कूलों के शिक्षकों और अन्य स्टाफ के 95% से अधिक का संपूर्ण टीकाकरण हो चुका है| राज्यों के साथ विचार विमर्श के बाद जारी नई गाइडलाइन में स्कूलों में छात्र की फिजिकल उपस्थिति के लिए अभिभावकों की सहमति की अनिवार्यता तो हटा दिया गया है| अब राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस संबंध में फैसला लेने की छूट दे दी गई है| साफ कहा गया है कि नई गाइडलाइन के अनुसार स्कूल खोलने का फैसला लेने के लिए राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन स्वतंत्र है| स्कूल खोलने की बात पर इसलिए जोर दिया जा रहा है क्योंकि अधिकांश टीकाकरण हो गए हैं| बच्चों की पढ़ाई में बहुत नुकसान हो रहा है जो पूरे देश के लिए चिंता का विषय बना हुआ है| क्योंकि एक लंबे समय से बच्चों की पढ़ाई ना होने के कारण उनका मानसिक विकास रुक रहा है| पहले तो टीकाकरण के बिना स्कूलों को खोलना संभव नहीं था लेकिन अब शिक्षकों व स्टाफ में अधिकांश के टीकाकरण होने के बाद स्कूलों को खोला जा सकता है| वहीं दूसरी ओर देश की 265 जिलों में कोरोना संक्रमण की दर 5 फ़ीसदी से कम है|