
उत्तराखंड राज्य में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का परीक्षा पत्र लीक होने के बाद राज्य में पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी और ऐसे में पुलिस खालिद साबिया और अन्य आरोपियों के बाद मास्टरमाइंड को ढूंढ रही थी इस मामले में दीवाना नाम के आदमी की मददगार के तौर पर झूठी कहानी गढ़ी गई थी जिसके वास्तव में होने के कोई प्रमाण नहीं है। खालिद मलिक को ही पुलिस ने मास्टरमाइंड मान लिया है। पुलिस ने कहा है कि खालिद पहले भी इस परीक्षा में कुछ नंबरों से फेल हो गया था इसलिए इस बार नकल की योजना बनाई थी। उसने पिछले 24 घंटे की पूछताछ में बताया कि इस मामले में उसकी अकेले की भूमिका थी जिसमें उसकी बहन साबिया सहयोगी रही और तकनीकी मददगार करके तौर पर परीक्षा केंद्र के बाहर जिस दीवाना का नाम सामने आ रहा था वह साबिया की दिमाग के उपज मात्र था वास्तव में उसके होने के कोई प्रमाण नहीं है इसका मतलब यह है कि सबिया पुलिस को बरगला रही है और इस मामले में खालिद को ही मास्टरमाइंड मानते हुए जेल भेज दिया है तथा मामले में तकनीकी एक्सपर्ट जांच करेंगे जिसमें साइबर कमांडो की शामिल रहेंगे।