
उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा को लेकर बड़ी बात सामने आई है। वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को आई भयानक आपदा की वजह बादल फटना नहीं है बल्कि कुछ और है क्योंकि मौसम विभाग के मुताबिक 4 से 5 अगस्त को वहां पर केवल 8 से 10 मिमी बारिश हुई थी जबकि बादल फटने के समय 100 मिमी से ज्यादा बारिश होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी वजह भूस्खलन से पानी का प्रवाह रुकने से अस्थाई झील बनना पर्वत की तलहटी पर रुके पानी में ग्लेशियर या चट्टान का गिरना या फिर फ्लैश फ्लड हो सकती है। धराली के पीछे डेढ़ से दो किलोमीटर लंबा और बेहद घना जंगल है जिस खीर गाड़ से अचानक बाढ़ आई वह उन्हीं जंगलों से होकर गुजरता है और उसके ऊपर बर्फीले पर्वत है लेकिन जिस गति से अचानक बाढ़ आई है वह बादल फटने जैसा नहीं है।