उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में अभी भी ग्रामीण इलाकों में सड़क सुविधा का अभाव है। कपकोट तहसील के सोराग गांव में सड़क के बीच में नदी पड़ती है और उस पर पुल न होने के कारण वहां गांव तक पहुंच नहीं पाते जिसके कारण ग्रामीणों को बीमार या घायलों को स्ट्रेचर या फिर डोली पर 11 किलोमीटर दूर सड़क तक लाना पड़ता है और लोगों को कई बार समय पर उपचार भी नहीं मिल पाता। फिर से एक मामला ऐसा ही क्षेत्र से सामने आया है जहां पर 65 वर्षीय जशोदा देवी एवं 35 वर्षीय नारायणी देवी घास काटने के लिए जंगल गई थी और वहां पर पैर फिसलने से दोनों घायल हो गई। ग्रामीण उन्हें पहले घर लेकर आ गए इसके बाद दोनों को स्ट्रेचर पर 11 किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक लाया गया और वहां से उन्हें वाहन में जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में पता चला कि जशोदा देवी के दाएं पैर पैर फैक्चर आ गया है और दूसरी महिला भी चोटिल है। दोनों का इलाज चल रहा है। लोगों का कहना है कि यदि पिंडर नदी पर पुल बन जाता तो गांव तक वाहन आ जाते। गांव तक सड़क तो बन गई है लेकिन पिंडर नदी पर पुल का निर्माण नहीं हुआ है। 2022 तक पुल का निर्माण पूरा हो जाना था लेकिन मगर अभी तक इसका कार्य अपने पहले चरण में ही चल रहा है जिसके कारण ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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