
वर्तमान में इस वर्ष में उत्तराखंड में विधवा पेंशनर्स, वृद्धावस्था पेंशनर्स और विकलांग पेंशनर्स की श्रेणी में शामिल 7.23 लाख लोगों की पेंशन अटक गई है। जिसका कारण है समाज कल्याण विभाग के पास पर्याप्त बजट का ना होना। पर्याप्त बजट ना होने के कारण समाज कल्याण विभाग पेंशनर्स को वर्ष 2021- 22 की तीसरी तिमाही पेंशन नहीं दे पा रहा है। इसके लिए विभाग ने सरकार से 269.24 करोड़ रुपए की मांग की है। समाज कल्याण विभाग लाभार्थियों को पांच श्रेणियों में पेंशन देता है जो इस प्रकार है, वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग, परित्यकता और किसान पेंशन। तथा वर्ष में लाभार्थियों को चार बार पेंशन दी जाती है। मगर इस बार बजट ना होने के कारण पेंशन धारकों को तीसरी तिमाही किस्त नहीं दी गई है।
इस मामले में समाज कल्याण का कहना है कि उन्होंने अक्टूबर माह में विधवा और दिव्यांग पेंशन की डिमांड शासन को भेज दी थी और वृद्धावस्था पेंशन के लिए नवंबर में शासन को डिमांड भेजी गई थी मगर अभी तक शासन से समाज कल्याण विभाग के पास इस संबंध में कोई बजट नहीं आया जबकि विभाग को साल के अंतिम दिन 31 दिसंबर तक लाभार्थियों के खातों में पेंशन जमा करवानी होती है। समाज कल्याण विभाग का कहना है कि यदि जल्द ही सरकार की तरफ से बजट नहीं आता है तो आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इसमें और देरी हो सकती है क्योंकि आचार संहिता लागू होने के बाद अफसरों और कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लग जाएगी और पेंशन के लिए बजट में देरी होगी।
विभाग ने बताया कि तीसरी तिमाही किस्त के लिए उन्होंने शासन से इस प्रकार मांग की है जैसे वृद्धावस्था में 464015 लाभार्थियों को पेंशन दी जाने हैं व इनके लिए 164 करोड रुपए की मांग की गई है तथा वही दूसरी श्रेणी में विधवा पेंशन में 184347 लोगों को पेंशन देने हैं इसके लिए 72 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है । तीसरी श्रेणी में दिव्यांग पेंशनर्स की संख्या 75388 है इनके लिए 32 करोड़ रुपए की मांग की गई है। इस हिसाब से टोटल बजट 269 करोड़ रुपए का बनता है। विभाग का कहना है कि यदि उनकी डिमांड पर 31 दिसंबर से पहले बजट आ जाता है तो वे लाभार्थियों को तीसरी तिमाही पेंशन दे देंगे अन्यथा यदि 31 दिसंबर तक बजट नहीं आया तो इस बार पेंशनर्स को पेंशन के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है।
