हरीश रावत का बयान बना पार्टी में अंतर्कलह का कारण… क्या राजनीति से वाकई सन्यास ले लेंगे हरीश रावत

उत्तराखंड की राजनीति में एक नया सियासी बवाल देखने को मिल रहा है दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा है कि जिनके आदेश पर मुझे तैरना है उनके नुमाइंदों ने मेरे हाथ पैर बांध के रखे हैं। कांग्रेस के किसी भी सदस्य पर बिना उंगली उठाए उन्होंने इशारों ही इशारों में ट्वीट कर अपने दिल की भड़ास निकाली है। उनका कहना है कि जिनके आदेश पर उन्हें तैरना है उन्हीं के नुमाइंदों ने उनके हाथ पैर बांध के रखे हैं ऐसे में उन्होंने यह भी लिखा है कि अब हम बहुत तैर लिए अब आराम करना है। हरीश रावत के इस प्रकार से बयान जारी करने पर पार्टी में अंतर्कलह का माहौल बना हुआ है। हालांकि वह बात अलग है कि अभी तक हरीश रावत के इस प्रकार से ट्वीट करने पर किसी भी नेता का कोई जवाब नहीं आया।

सोचने वाली बात है कि क्या अपने ट्वीट के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजनीति से सन्यास लेने की बात कही है, या वे कुछ और संदेश देना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने नाराजगी जताते हुए यह भी लिखा है कि चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है मगर साथ देने के लिए जो संगठन का साथ चाहिए वह सहयोग करने के बजाय मुंह फेर के खड़ा है और अपनी नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। यह कहकर है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने ही पार्टी के नेताओं के बारे में जानकारी दी है।हरीश रावत द्वारा किए गए इस ट्वीट से साफ पता चलता है कि उन्होंने लीडरशिप और पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का इस तरह से ट्वीट करना आगामी विधानसभा चुनाव 2022 पर उन्हें महंगा पड़ सकता है इस तरह से जनता के बीच कांग्रेस की छवि प्रभावित होगी और पार्टी के अंदर चल रहा है यह विवाद पूरी कांग्रेस पर भारी पड़ सकता है।