सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में गङ्गा स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत हुआ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के योग विज्ञान विभाग, स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र तथा राष्ट्रीय स्वच्छ गङ्गा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय एवं राज्य परियोजना प्रबंध ग्रुप, नमामि गङ्गे उत्तराखंड के संयुक्त तत्वावधान में गङ्गा स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत योग विज्ञान विभाग में विभिन्न कार्यकमों का आयोजन किया गया। विभाग में सर्वप्रथम गङ्गा: आध्यात्मिक एवं आर्थिक उन्नति का आधार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। नमामि गङ्गे अभियान के नोडल अधिकारी एवं योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट एवं योग विभाग के शिक्षक लल्लन सिंह तथा गिरीश अधिकारी ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संगोष्ठी का उदघाटन किया।


इसके पश्चात चन्दा, सौरभ, कनिष्का, गीतांशी, दीपक बिष्ट, कुनाल, दीपक, कोमल, सोनिया एवं रोहित के साथ ही योग विभाग के शिक्षक लल्लन सिंह एवं गिरीश अधिकारी ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सतपाल बिष्ट के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय नमामि गंगे अभियान के अंर्तगत निरन्तर विभिन्न समाजोपयोगी कार्यक्रमों का आयोजन करता आ रहा है। उसी क्रम में 16 से 31 मार्च तक गंगा स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी भारतीय सभ्यता में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसे आध्यात्मिक एवं आर्थिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है। आध्यात्मिकता में, इसे माँ गंगा के रूप में पूजा जाता है और लोग अपने पापों का नाश करते हैं जिससे उन्हें शुद्धि का अनुभव होता है। इसलिए इसे पतित पावनी भी कहा है। आर्थिक दृष्टि से, गंगा नदी के किनारे स्थित नगरों में धार्मिक यात्रा, पर्व, और उत्सवों से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है, जिससे स्थानीय आर्थिक उन्नति होती है साथ ही गङ्गा भारतवर्ष की कृषि आधारित व्यवस्था में भी अहम भूमिका निभाती है। अतः गङ्गा आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही मोक्षदायिनी भी है।

योग शिक्षक रजनीश जोशी ने कहा कि जल केवल प्यास ही नहीं मिटाता अपितु यह स्वयं में एक चिकित्सा भी है क्योंकि जल का सीधा प्रभाव स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। अतः जल एवं स्वास्थ्य दोनों का संरक्षण आवश्यक है। इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजन किया गया। जिसमें कविता एवं लोकगीत गायन में ममता किरौला, दीपा भट्ट, तारा जोशी, दीपा जोशी एवं गीतांशी के साथ ही योग विभाग की हेमलता अवस्थी ने कविता एवं गीतों के माध्यम से जल-संरक्षण की बात रखी साथ ही योग विज्ञान विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न लोकनृत्य एवं होली गायन भी किया गया। इस अवसर पर सोनिया बिष्ट, तारा जोशी, दीपा जोशी, स्वेता पंत, हिमानी पांडे, पूजा मटीयानी,पूजा, बबिता कांडपाल, निशा बिष्ट, करिश्मा, कविता आर्या, लोकेश, ललित खोलिया, सूरज सिंह बिष्ट, आदित्य गुरुरानी, योगेश, अजय बसिहत विवेक बिष्ट, सौरभ लटवाल, रोहित कुमार, काजल भट्ट, पूजा बिष्ट, सौरभ लटवाल आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।