
देहरादून| सरकार ने प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीजी की सीट बढ़ाने की योजना बनाई है| इसके लिए पीजी करने वाले डॉक्टरों को 2 साल तक सीनियर रेजिडेंसी के रूप में सेवाएं देनी होगी| अभी तक यह अवधि एक साल के लिए थी|
इससे नेशनल मेडिकल काउंसलिंग के मानक पूरे होने पर पीजी सीट बढ़ेगी| प्रदेशभर में आने वाले समय में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होगी|
दरअसल, प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्त्री रोग, बाल रोग, हृदय रोग, न्यूरो सर्जर, रेडियोलॉजिस्ट समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है| 2019 में प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेज से एमएस और एमडी में पीजी करने वाले डॉक्टरों के लिए मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजिडेंसी के रूप में सेवाएं देने के लिए एक साल की अवधि तय की थी| फिर बांड व्यवस्था के तहत विशेषज्ञ डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रहे थे| पीजी सीट के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल के मानक है कि असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के साथ एक सीनियर रेजिडेंसी का पद भी होना चाहिए|
बता दें, मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंसी पदों की कमी पीजी की सीट बढ़ाने में आड़े आ रही थी| अब सरकार ने पीजी डॉक्टर के लिए मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजिडेंसी के लिए तो साल की अवधि की है| इससे 2028 तक प्रदेश के चारों मेडिकल कॉलेज में 318 पीजी की सीट हो जाएंगी| इससे राज्य को ज्यादा डॉक्टर विशेषज्ञ डॉक्टर मिलेंगे|