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कुंभ मेले में हुए कोरोना टेस्टिंग में कुछ और बड़े खुलासे हुए हैं कुंभ मेले में जो टेस्ट करवाए गए थे उसमें से एक लाख से ज्यादा टेस्ट फर्जी थे तथा पुलिस ने मामले की जांच कर बताया कि कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग में जो बिल जमा करवाए गए हैं वह पूर्ण रुप से फर्जी हैं। जमा किए गए बिलों में फर्जी लेटरहेड का प्रयोग किया गया है जो कि हिसार में स्थित नलवा लैबोरेट्रीज के हैं। तथा कुंभ मेले में जो टेस्टिंग करवाई गई थी वह मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज ने हिसार स्थित नवला लैबोरेट्रीज और दिल्ली में स्थित डॉ लालचंदानी लैब के जरिए करवाई थी।
और जब बाद में इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि एक लाख से ज्यादा फर्जी कोरोना टेस्टिंग हुई है और कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बिल जमा किए गए हैं। बिलो की जांच किए बिना स्वास्थ्य विभाग ने कुछ भुगतान कर भी दिया था मगर चार करोड़ जैसी बड़ी धनराशि का भुगतान करने से पहले ही घोटाला सामने आ गया।
घोटाले का खुलासा होने के बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर ने आदेश दिया कि मैक्स नवला और डॉ लालचंदानी पर मुकदमा दर्ज किया जाए। इस मामले के हाईप्रोफाइल होने पर इसके लिए एसआईटी बना दी गई। इस मामले की जांच अभी तक जारी है और इस घोटाले के मामले में पुलिस ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के मालिक मल्लिका पंत व शरत पंत को गिरफ्तार कर लिया गया है। तथा जांच अधिकारी राकेश टिकैत का कहना है कि एक्सपर्ट द्वारा बताया गया है कि बिलों में फर्जी लेटरहेड के प्रयोग की पुष्टि की है।
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