दीपावली का त्योहार काफी धूमधाम और आतिशबाजी के साथ मनाया जाता है लेकिन त्यौहार के बीच पटाखों से निकलने वाला धुआं लोगों की सेहत पर खराब असर डाल सकता है। इसलिए इन दोनों विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है और सांस लेने में जिन लोगों को दिक्कत होती है उन्हें विशेष सावधानी बरतनी होगी।
पटाखों से निकलने वाला धुआं अस्थमा, एलर्जिक राइनाइटिस फाइब्रोसिस और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों से पीड़ित कर सकता है। बता दे कि इस बारे में खानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्सक जॉर्ज सैमुअल के अनुसार जिन लोगों को अस्थमा की शिकायत होती है उनके लिए दीपावली पर लापरवाही बरतना भारी पड़ सकता है। वायु प्रदूषण में वृद्धि से लगातार सांस लेने में कठिनाई, त्वचा में एलर्जी, आंखों में जलन और खांसी जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं तथा इस दौरान बचाव के लिए दवाई के साथ इनहेलर भी रखने की आवश्यकता है। सांस फूलने जैसी दिक्कतों में इनहेलर से आराम मिलता है और दीपावली के समय सांस के रोगियों को गुनगुना पानी पीना चाहिए जिससे प्रदूषण को साफ करने में मदद मिलती है। गुनगुना पानी पीने से गले से अतिरिक्त कफ को कम किया जा सकता है और गर्म पानी से इन दिनों काफी आराम भी मिलेगा। सांस फूलने वाले रोगियों को खांसी में दिक्कत भी नहीं होगी और इस दौरान सांस के मरीजों को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बच्चों को भी पटाखो से दूर रखने की सलाह दी गई है वही गुनगुने पानी और इनहेलर के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया है।