Uttarakhand- मासूमों की जान खतरे में डालकर वाहन दौड़ा रहे हैं चालक…… सरकारी तंत्र का नहीं है कोई नियंत्रण

उत्तराखंड राज्य के देहरादून में मासूमों की जान को खतरे में डालकर वाहन चालक वाहन चला रहे हैं। इन चालकों पर सरकारी तंत्र और स्कूल प्रबंधन का कोई भी नियंत्रण नही है। बता दे कि बड़ी संख्या में ऐसे चालक स्कूली वाहन दौड़ा रहे हैं जिनके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं है और स्कूल वाहन की अगर हम बात करें तो बिना फिटनेस, टैक्स एवं परमिट के यह वाहन संचालित हो रहे हैं जब भी कभी परिवहन विभाग चेकिंग अभियान चलता है तो हर बार इन वाहनों में खामियां सामने आती है इसके बावजूद ना ही वाहन संचालक सुधरने के लिए तैयार है और ना ही स्कूल प्रबंधन को बच्चों की कोई फिक्र है। बता दे कि वाहन चालकों की लापरवाही का दुष्परिणाम है कि पिछले वर्ष 28 फरवरी को विकास नगर में सड़क के किनारे निकली पेड़ की टहनी स्कूल बस में घुसने से दो बच्चों की मौत हो गई और 2019 को भी प्रेमनगर क्षेत्र में निजी स्कूलों की बस से गिरकर छात्र की मृत्यु हो गई। ऐसी कई प्रकार की दुर्घटनाएं भी सामने आती है। हाई कोर्ट ने साल 2018 में स्कूली वाहनों के लिए नियमों की सूची जारी की थी जिसके बाद सरकार और प्रशासन कुछ दिनों तक हरकत में नजर आए लेकिन इस सख्ती के विरुद्ध ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए और सरकार बैकफुट पर आ गई। वहीं अगर हम बात करें स्कूल वैन चालकों की तो यहां सीट निर्धारित होने के बावजूद बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह ठूसकर ले जाया जाता है। बता दे कि देहरादून में ऐसे 10% स्कूल है जिन्होंने अपनी बसें लगा रखी हैं इसके अलावा 40% स्कूल ऐसे हैं जो बुकिंग पर निजी बसें लेकर बच्चों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।