जन्मदिन विशेष:- आधुनिक नृत्य के जनक उदय शंकर की जयंती आज

भारत में आधुनिक नृत्य के जन्मदाता उदय शंकर (प्रसिद्ध भारतीय नृतक, कोरियोग्राफर) ने अपनी कर्मस्थली अल्मोड़ा को बनाया| जिन्हें पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य में पश्चिमी रंगमंचीय तकनीकों को अपनाने के लिए आज भी जाना जाता है| करीब 7 वर्षो तक उदय शंकर अल्मोड़ा रहे, और अपनी अनुपम विरासत छोड़ गए| जो आज भी युवा-युवाओं को प्रेरित करती है और आगे भी करती रहेगी| नृत्य सम्राट उदय शंकर को अल्मोड़ा से बहुत लगाव था| इसलिए 1938 को वह मुंबई जैसी सुविधाजनक जगह को छोड़कर अल्मोड़ा आ गए| यहां वह धार की तूने और पाताल देवी के बीच प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थान को अपनी कर्मभूमि बनाया| तब इस स्थान का इतना विकास नहीं हुआ था जितना अब हो गया है उस समय यहां पर सड़क भी नहीं थी| इसी स्थान पर उन्होंने अपना उदय शंकर इंडिया कल्चर सेंटर स्थापित किया|


नृत्य सम्राट उदय शंकर प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे| उन्होंने नित्य की विभिन्न ललित कलाओं जैसे- संगीत, चित्रकला, रंगमंच, कविता तथा स्थापत्य कला को यहां विकास किया| कुमाऊनी भाषा में भी उनकी विशेष रूचि थी| कुमाऊनी रामलीला में भी उन्होंने नाट्यकला और लोककला को लेकर प्रयोग किया जिसमें छायांकन विधि से रामलीला का मंचन उल्लेखनीय है| द्वितीय विश्व युद्ध छेड़ने के कारण उन्हें अपनी नित्य कंपनी को लेकर यहां से जाना पड़ा उनके यहां से जाने के कई अन्य कारण भी बताए जाते हैं|


नित्य सम्राट उदय शंकर का जन्म 8 दिसंबर 1900 को हुआ, और उनकी मृत्यु 26 सितंबर 1977 को हुई| उदय शंकर को 1962 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गय और 1971 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया| 1975 में देशी कोत्तम सम्मान उदय शंकर की थीम पर नृत्य विधा पर आधारित कार्यशाला के लिए प्रस्तावित संस्कृत निदेशालय को भेजा गया| समय-समय पर स्थानीय कलाकार व संस्कृत विभाग अकादमी में कार्यक्रम करते रहते हैं उनकी यह विरासत आज भी संजोए रखी है|


आज उदय शंकर के जन्म दिवस के अवसर पर उदय शंकर नाट्य अकादमी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है|