उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जहां जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव खुल्बे ने जमाकर्ताओं और उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में पैरा बैंकिंग कंपनी के संचालक दंपति को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें इस मामले में पांच-पांच वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है और ₹1,00,000 अर्थ दंड से दंडित भी किया गया है। साथ ही कंपनी पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।बता दे कि उत्तराखंड में धारा -3 उत्तराखंड विशेषज्ञ जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत यह पहला मामला है जिसमें सजा सुनाई गई है। जानकारी के मुताबिक डूंगरगांव निवासी ललित मोहन सिंह परिहार ने जिलाधिकारी को लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें उनके द्वारा बताया गया था की धार मल्टीप्ल प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड अवध प्लाजा बीएल रोड लालबाग लखनऊ उत्तर प्रदेश में स्थित है और यह कृषि क्षेत्र में पैरा बैंकिंग का कार्य करती है। कंपनी द्वारा कई ऐसे कार्य किया जा रहे हैं जो की बिल्कुल भी सही नहीं है। शिकायतकर्ता ने खुद को कंपनी की शाखा में नियुक्त होने के बाद भी कहीं और उसने यह भी बताया है कि शिकायत के बाद भी मामले में कार्यवाही नहीं की गई। बता दे की कंपनी की बागेश्वर शाखा में खाता धारकों का 19 लाख रुपए से अधिक जमा था। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोविंद बल्लभ उपाध्याय, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल पपोला ने पैरवी की और 18 गवाह पेश किए तथा बीते बुधवार को पत्रावली को पढ़ने व गवाहों को सुनने के बाद इस मामले में कंपनी के संचालक दंपति को सजा सुनाई गई है तथा इस अधिनियम में यह पहला मामला है।
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