उत्तराखंड राज्य में नेपाल बॉर्डर से प्रवेश करने वाले किसी भी नागरिक के पास उचित और वैध दस्तावेज नहीं होने के कारण उनसे यहां की सुरक्षा को खतरा है। बता दें कि उत्तराखंड में दाखिल होने वाले नागरिकों से सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है। बॉर्डर से हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग दाखिल होते हैं और उनके पास ना तो कोई वैध दस्तावेज होते हैं और ना ही वह पुलिस सत्यापन करवाते हैं। पुलिस उनके सत्यापन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती है। बीते दिनों रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में आई आपदा में नेपाल मूल के व्यक्ति के दो नाम सामने आए हैं और बताया जा रहा है कि वह गलत नाम बता कर रहा था। जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अब जांच में जुट चुकी है। नेपाल और उत्तराखंड सुरक्षा को लेकर सरकार के सामने काफी बड़ा मुद्दा है। यहां आने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती। कोई भी बॉर्डर पार दाखिल हो जाता है जिनके पास कोई दस्तावेज भी नहीं होता वह भी केवल ग्राम विकास कमेटी से पत्र लिखवाकर ले आते हैं और यहां पर दाखिल हो जाते हैं जिससे यहां की सुरक्षा को काफी खतरा है।
Recent Posts
- अल्मोड़ा:- भारतीय जनता पार्टी में 50 से अधिक सदस्य बनाने वाले कार्यकर्ताओं को दिए गए सदस्यता फॉर्म
- अल्मोड़ा:- खण्ड स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिताओं में विवेकानन्द इण्टर कॉलेज का कायम रहा दबदबा…… वरिष्ठ वर्ग की नाटक प्रतियोगिता भी रही विवादों के घेरे में
- Uttarakhand:- घर के अंदर सो रहे परिवार पर बदमाशों ने बरसाई गोलियां…… और फिर….
- अल्मोड़ा:- क्वारब के पास बोल्डर गिरने के कारण फंसे सैकड़ो यात्री…….रात को आवाजाही पर लगाई गई रोक
- Uttarakhand:- समिति द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी गई यूसीसी नियमावली….. जल्द लागू होगा कानून