उत्तराखंड राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जल्द ही समान नागरिक संहिता कानून लागू कर दिया जाएगा और इसके लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था और समिति द्वारा ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है। बता दे कि विशेषज्ञ समिति का गठन 27 मई 2022 को किया गया था और समिति ने 13 माह के कार्यकाल में 52 बैठके कर ड्राफ्ट तैयार किया है। ड्राफ्ट में विवाह प्रथा पर रोक और तलाक को विधि सम्मत बनाने समेत कई व्यवस्थाएं की गई है। इसके अलावा पहली पत्नी के बच्चों को भी बराबर का अधिकार देने की व्यवस्था की गई है। पति की मृत्यु होने पर पत्नी के साथ माता- पिता को मुआवजा भी दिया जा सकता है, इसके अलावा बालिका के विवाह की आयु 21 वर्ष की जा सकती है, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य की व्यवस्था हो सकती है ताकि इसे कानूनी रूप दिया जा सके। इसके अलावा लिव इन रिलेशनशिप में पंजीकरण की व्यवस्था के साथ ही अन्य सख्त नियम बनाए जा सकते हैं ताकि बहु विवाह प्रथा पर रोक लगाई जा सके और ड्राफ्ट में तलाक देने के लिए कानूनी प्रक्रिया को प्रभावी किया जा सकता है, वही एकतरफा तलाक पर भी रोक लगाई जा सकती है। इसके अलावा सभी धर्मों के लोगों को संपत्ति खरीदने तथा बेचने की व्यवस्था की जा सकती है।
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