आयुर्वेद की महत्वता को समझते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि हमें भारत को अखंड बनाना है, तो आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना होगा| आयुर्वेद को विकल्प चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, जो गलत है| हमें तो अपनी चिकित्सा पद्धति पर गर्व करना चाहिए क्योंकि यह हमारा प्राचीन ज्ञान है|
केंद्रीय मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी ने यह कांस्टिट्यूशन क्लब में आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेद महापर्व के समापन के अवसर पर कहां, आज विश्व में आयुर्वेद और योग अपने पूर्ण वैभव के साथ आलोकित है| हमें भारत को अखंड बनाना है, तो उसके लिए आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना होगा| इस कार्यक्रम का आयोजन आयुष मंत्रालय के सहयोग से अखिल भारतीय आयुर्वेद कांग्रेस (एआइएसी) ने किया था| इस कार्यक्रम में मौजूद विशेष अतिथि सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कोरोना महामारी में आयुर्वेद की भूमिका बहुत ही अहम रही है|
एआइएसी के अध्यक्ष वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने कहा कि इस महापर्व से आयुर्वेद को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास है|
कोरोना काल के दौरान जिस प्रकार आयुर्वेद ने एक अहम भूमिका निभाई उसी प्रकार आने वाले समय में भी आयुर्वेद का महत्व बढ़ेगा|