
देश मे ‘द केरला स्टोरी’ का विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था और ‘अजमेर 92’ फिल्म पर विवाद शुरू हो गया है। इस फिल्म पर मुस्लिम संगठनों और दरगाह कमेटी ने विरोध जताया है और आरोप लगाया है कि फिल्म के जरिए मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। बता दें कि इस फिल्म पर इसलिए विवाद हो रहा है क्योंकि यह अजमेर की कहानी को दर्शाती है। यह कहानी है सैकड़ों छात्राओं की जिनके साथ वहां पर हैवानियत हुई थी और इस कहानी को पढ़कर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अप्रैल महीने की एक सुबह अजमेर के एक मशहूर कॉलेज की लड़कियों की आपत्तिजनक फोटो अचानक सर्कुलेट होना शुरू हो जाती हैं और यह लड़कियां काफी अच्छे परिवारों से थी जिनकी तस्वीरें सर्कुलेट हुई थी जिसके बाद पता चला कि लड़कियों के साथ दुष्कर्म हुआ है और कुछ लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। अजमेर में आग की तरह यह बात फैल गई। हर एक शख्स के जुबान पर यही बात थी और एक स्थानीय अखबार में पीड़ित छात्राओं की तस्वीरों को ब्लर करके फ्रंट पेज पर छापा गया था। इस खबर के बाद हड़कंप मच गया और पूरे देश में इसकी चर्चा हुई। जब छात्राओं ने बयान में खुलासा किया तो उसके बाद हर कोई दंग रह गया। बयान में कहा गया कि शहर के रसूखदार परिवारों के कुछ लड़कों ने उनके साथ दुष्कर्म किया था।अखबार में जब खबर छपी तो पुलिस ने इसकी जांच की और जांच में पता चला कि आरोपी पीड़ित लड़कियों की तस्वीरें कैमरे वाली दुकान से धुलाकर लाते थे इस तरह यह तस्वीरें दुकानदारों के हाथ भी लग गई और उन्होंने भी लड़कियों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया तथा उनके साथ दुष्कर्म किया इस दौरान कई पीड़ितों ने खुद खुशी भी कर ली इस दरिंदगी को अंजाम देने वाले लड़के रसूखदार परिवार से थे और मामले में मुख्य आरोपी फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती, अनवर चिश्ती थे। तीनों यूथ कांग्रेस के पदों पर थे और अजमेर के चर्चित चिश्ती परिवार से भी इनका नाता था। इस मामले में 8 आरोपियों को उम्र कैद की सजा हुई और कुछ आरोपी आज भी मामले में फरार चल रहे हैं। इस घटना की कहानी को फिल्म में दिखाया गया है और फिल्म को दरगाह कमेटी ने भी चेतावनी दी है। ‘अजमेर 92’ फिल्म के स्टार कास्ट करन वर्मा, सुमित सिंह ,राजेश शर्मा, मनोज जोशी ,आकाश दहिया और ईशान मिश्रा है।
