
उत्तराखंड राज्य में खाद्य पदार्थों के अंतर्गत काफी मिलावट देखने को मिल रही है। दूध से बनी मिठाइयों का हर तीसरा सैंपल फेल हो रहा है वहीं अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट की जा रही है। बता दे कि राज्य के हल्द्वानी में खाद्य विभाग की जांच में दूध और मिठाइयां मिलावटी जांच में सबसे ज्यादा फेल हो गई है। इस जांच के दौरान कई हैरान करने वाले मामले सामने आए हैं। हल्द्वानी में अन्य खाद्य पदार्थों में भी मिलावट का हाल कुछ ऐसा ही है। जांच के बाद विभागीय दावा किया जा रहा है कि खाद्य पदार्थों की जांचो की संख्या में इजाफा किया जाएगा। दूध में फैट कम और पानी ज्यादा तो देसी घी में वनस्पति घी की मिलावट पाई जा रही है। मिठाई में मिलावटी मावा डाला जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने बीते 4 साल में 989 खाद्य पदार्थों के सैंपल भरे थे जिसमें से 578 की रिपोर्ट आ चुकी है और इसमें 90 सैंपल फेल हैं। इसके अलावा कोई अधोमानक पाया गया है तो कोई मिस ब्रांड निकला है। इन सैंपलों से जुड़े मामलों में एडीएम और जिला कोर्ट में 309 केस चल रहे हैं। 76 मामले दूध, 108 दूध उत्पादन, 121 मिठाई के उत्पादन से संबंधित है। यही नहीं बल्कि कुछ मामलों में सुनवाई के बाद 13 लाख से अधिक का जुर्माना भी लगा है। मिलावटी दूध के सेवन से कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है इससे कैंसर ,किडनी और लीवर से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फिलहाल विभाग लगातार मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही कर रहा है और मिलावटखोरों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है।
