उत्तराखंड राज्य में सरकारी कर्मचारियों के पेंशन के लिए नया कानून आया है और पेंशन के लिए सरकार नए नियम बनाने जा रही है। गैरसैंण बजट सत्र में पारित उत्तराखंड पेंशन हेतु अधिकारी सेवा तथा विधिमान्यीकरण विधेयक 2022 विधिवत कानून बन चुका है। विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग ने बीते शुक्रवार को इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसके आदेश सचिव शहंशाह मोहम्मद दिलबर दानिश ने दिए हैं। इस कानून के लागू होने के बाद अब अस्थायी कार्मिक के रूप में की गई सेवाएं पेंशन के लिए अमान्य होगी। मौलिक नियुक्ति की तारीख से सेवा अवधि पेंशन के लिए गिनी जाएगी। इसके बाद हाल ही में स्थायी हुए कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। पेंशन के लाभ के लिए कम से कम कर्मचारी को 10 साल के नियमित सेवा देना अनिवार्य है लेकिन 3 से 4 साल की स्थायी सेवा वाले कार्मिक भी अपनी पूर्व की 10 से 15 वर्ष की अस्थायी सेवाओं को पेंशन के लिए जोड़ने की मांग कर रहे थे इसलिए सरकार यह नया कानून लेकर आई है और इसके तहत अब पेंशन का लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 वर्ष की सेवा देना अनिवार्य है।
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