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भारतीय रिजर्व बैंक अब बैंकों में बिना दावे वाली पड़ी अरबों रुपये की रकम के मालिकों को खोजने के लिए 100 दिन का अभियान चलाने वाला है| जिसके तहत हर बैंक 100 दिनों के अंदर देश के हर जिले में शीर्ष 100 बिना दावे वाले जमाकर्ताओं को खोजेगा और उसका भुगतान करेगा| इस अभियान को 100 डेज-100 एक नाम दिया गया है|
आदेश के अनुसार, सभी बैंक 1 जून से इस अभियान की शुरुआत करेंगे|
जानकारी के मुताबिक, जिस भी बचत या चालू खाते को 10 साल तक नहीं चलाया जाता है या कोई टर्म जमा का खाता है, जिसमें 10 साल तक कोई दावा नहीं करता है| ऐसे खातों में पड़ी रकम को लावारिस या बिना दावे वाली रकम माना जाता है| बैंक इन ग्राहकों से संपर्क करने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अगर कोई दावेदार नहीं मिलता है तो यह एक विशेष खाते में चली जाती है|
बता दे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बिना दावे के रकम को लेकर नियामकों से कहा था कि वे बैंकिंग शेयर, डिविडेंड म्युचुअल फंड या इंश्योरेंस के रूप में जहां भी बिना दावे वाली रकम पड़ी है उसके निपटारे हेतु विशेष अभियान संचालित करें|
सूत्रों के मुताबिक, सरकारी बैंकों में करीब 33 हजार करोड़ रुपए की रकम ऐसी है, जिस पर किसी ने अपना दावा नहीं किया है| सरकारी बैंकों ने इस पैसे को रिजर्व बैंक को ट्रांसफर कर दिया है| जिसमें भारतीय स्टेट बैंक जानी एसबीआई में 8,086 करोड़ रुपए के लावारिस हैं| पंजाब नेशनल बैंक में 5,340 करोड़, केनरा बैंक में 4,558 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा में 3,904 करोड़ रुपए हैं|
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