उत्तराखंड राज्य में चारों धामों के कपाट खुलने के बाद चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है तथा इस यात्रा ने कई लोगों को आजीविका भी दी है। राज्य में ऋषिकेश से लेकर चार धामों के मार्ग पर तमाम लोग आजीविका कमा रहे हैं और इसी दौरान महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रसाद भी बनाया जा रहा है। इससे आजीविका को और बड़ा सहारा मिला है। उत्तराखंड राज्य के बदरीनाथ ,केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में मिलने वाला प्रसाद स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किया जा रहा है तथा यात्रा मार्ग में स्थानीय काफलों का जूस बनाकर भी लोग अपनी आजीविका कमा रहे हैं। व इस दौरान स्थानीय उत्पादों की मांग भी काफी बढ़ गई है। केदारनाथ मंदिर का प्रसाद महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किया जा रहा है और इस बार ₹2000000 से अधिक का प्रसाद बिकने की उम्मीद है। समूह केदारनाथ मंदिर वाले सोवेनियर बनाकर भी बेच रहे हैं। यात्रा रूट पर करीब 20 महिला समूह काम कर रहे हैं इसके अलावा महिलाओं द्वारा मोटे अनाज और पहाड़ी उत्पाद स्टॉल लगाकर बेचा जा रहा है। गंगोत्री में भी पर्यटक स्थानीय उत्पादों को काफी पसंद कर रहे हैं और स्थानीय उत्पादन की बिक्री के लिए प्रशासन द्वारा 13 केंद्र बनाए गए हैं। जहां कोदा, झंगोरा आदि उत्पादों की खूब बिक्री हो रही है।
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