
उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां जिला उपभोक्ता प्रतिकोष्ठ ने धोखाधड़ी करने के मामले में ऐमेज़ॉन और सेलर पर ₹55,145 का अर्थदंड लगाया है और आदेश दिए हैं कि 1 महीने के भीतर पीड़ित को भुगतान किया जाए। यदि समय सीमा पर भुगतान नहीं हुआ तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा स्थानीय डिलीवरी प्वाइंट के इंचार्ज को बरी किया गया है। जानकारी के मुताबिक तहसील मार्ग के निवासी उमेश दुबे पुत्र गोपाल प्रसाद ने बीते वर्ष अप्रैल में अपनी बेटी के लिए ऑनलाइन बैलून मंगाया। ऐमेज़ॉन की वेबसाइट को देखकर उन्होंने बैलून मगाया था और सेलर ने बैलून में 70% की छूट भी दी थी। छूट के बाद उसकी कीमत 175 थी। ऑनलाइन बैलून लेने के बाद उपभोक्ता ने ₹175 स्थानीय डिलीवरी प्वाइंट के कर्मी को भुगतान किया इसके बाद जब उन्होंने बैलून की वास्तविक एमआरपी देखी तो उसमें ₹30 था इसके ऊपर 499 का स्टीकर लगाया गया था। वेबसाइट पर कीमत 599 थी जिसमें 71% की छूट दी गई थी। सभी जगह अलग- अलग एमआरपी होने पर इस मामले में दुबे ने शिकायत की लेकिन किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी। इंटरनेट मीडिया से लेकर वेबसाइट पर उन्होंने तीन बार मेल किया और 3 महीने बीत जाने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने 27 मई को जिला उपभोक्ता प्रकोष्ठ में यह मामला डाल दिया उनकी तरफ से अधिवक्ता गोविंद भंडारी और महेश किशोर ने पैरवी की। 1 वर्ष बाद बीते सोमवार को प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व जिला जज आरके खुल्बे व प्रकोष्ठ के सदस्य रमेश सनवाल, हंसी रौतेला ने मामले को सुना। इस मामले में अदालत ने स्थानीय डिलीवरी पॉइंट के इंचार्ज को बरी कर दिया है और 1 महीने के भीतर भुगतान के निर्देश दिए गए हैं।
