ग्रुप जी परीक्षा मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर दिया है| जिसमें यह कहा गया है कि ग्रुप जी की परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों में पेपर लीक मामले के दोषी व निर्दोष अभ्यर्थियों की अलग-अलग पहचान करना संभव नहीं है|
जिस कंपनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस को परीक्षा आयोजित कराने का ठेका दिया गया था| उस पर अब रोक लगा दी गई है ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितता न हो सके|
हाई कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र में साफ है कि सरकार चयनित अभ्यर्थियों को किसी भी हाल में नियुक्ति नहीं देगी और अब नए सिरे से ही परीक्षा आयोजित करेगी|
बता दें कि पेपर लीक की घटना सामने आने के बाद सरकार की ओर से 916 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था|