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अल्मोड़ा| एक सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं जिसके तहत हिमालयी राज्यों में 40 से 50% स्रोतों का पानी घट गया है| यह सर्वे 12 हिमालयी राज्यों में हुआ था|
बता दें कि राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल की ओर से कराए गए प्राकृतिक जल स्रोतों के सर्वे में देश के 12 हिमालयी राज्यों के 5,900 प्राकृतिक स्रोतों का जलस्तर दो दशक में 40 से 50% तक घट गया है|
अब इस स्थिति को देखते हुए संस्थान इन जल स्रोतों को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए चाल-खाल बनाने और स्रोतों के आसपास जंगल विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है| संस्थान द्वारा वर्ष 2019 से पहले जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल समेत 12 हिमालयी राज्यों में विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके नौले-धारों व अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों का सर्वे किया था|
जल स्रोतों में पानी के घटने का कारण बताते हुए प्रो. सुनील नौटियाल ने कहा कि इन प्राकृतिक जल स्रोतों में पानी कम होने के पीछे जलवायु परिवर्तन बड़ी वजह है| बारिश निरंतर कम हो रही है| जंगलों के कम होने से भी पानी घट रहा है| आपदा से भूमि धंस रही है| जिससे भूमिगत स्रोतों को नुकसान पहुंच रहा है|
इन 12 हिमालयी राज्यों में जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, पश्चिमी बंगाल शामिल थे| इन राज्यों में सर्वे कराया गया जिसके आधार पर सामने आया कि हिमालयी राज्यों में 40 से 50% स्रोतों में पानी घट गया है|
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