सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर केंद्र ने किया समलैंगिक विवाह का विरोध

देश में हाल ही के महीनों में कुछ समलैंगिक जोड़ों ने अदालत से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की बात की थी मगर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया है। शीर्ष अदालत को बताते हुए केंद्र का कहना है कि समलैंगिक संबंध और विषम लैंगिक संबंध स्पष्ट रूप से अलग-अलग वर्ग है जिन्हें समान नहीं माना जा सकता है। वर्तमान समय का कानून एक पुरुष और एक महिला के बीच के विवाह के कानूनी संबंध की मान्यता तक सीमित है जिन्हें पति और पत्नी के रूप में दर्शाया गया है मगर कुछ महीनों में 4 समलैंगिक जोड़ों ने अदालत में इस विवाह को मान्यता प्रदान करने की मांग की है और इसका विरोध केंद्र सरकार ने किया है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के साथ कानूनी टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।