
देहरादून| केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त बिजली मांगे जाने पर मजबूरी जताई है|
बता दें कि उत्तराखंड की तरह ही गुजरात में भी केंद्र से अतिरिक्त बिजली की मांग की है, साथ ही गर्मियों में अन्य कई राज्यों का भी दबाव केंद्रीय पूल पर होगा| अब ऐसे में केंद्र अतिरिक्त बिजली के लिए कोई वादा करने को तैयार नहीं है| केंद्र के इस रुख को देखते हुए राज्य ने दूसरे विकल्प पर विचार करना शुरू कर दिया है| गुजरात की अतिरिक्त बिजली की मांग को ऊर्जा मंत्रालय के लिए अनदेखी करना आसान नहीं है, क्योंकि गुजरात प्रधानमंत्री मोदी का गृह प्रदेश है| अब अगर गुजरात की मांग पूरी की जाती है तो उत्तराखंड की बिजली का कोटा कम हो सकता है| उत्तराखंड सरकार यह चाहती है कि 28 फरवरी के बाद भी केंद्रीय पूल से 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलनी जारी रहे| इसके लिए अब मुख्यमंत्री धामी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है| इसके लिए उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से फोन पर अतिरिक्त बिजली के लिए अनुरोध किया|
सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार, इस संबंध में सीएम केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं|
बता दें कि गर्मियों के महीने में बिजली की मांग बढ़ जाती है, इसी की चिंता सरकार को भी सता रही है| इसी कारण प्रदेश सरकार केंद्रीय पूल से अतिरिक्त बिजली के लिए पूरी ताकत लगा रही है|
