उत्तराखंड राज्य के जोशीमठ में आपदा प्रभावितों को एनडीएमए की रिपोर्ट मिलने के बाद मुआवजा मिलेगा। बता दें कि कैबिनेट की बैठक में जोशीमठ प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए दरें तय कर दी गई है लेकिन मुआवजे का भुगतान एनडीएमए की रिपोर्ट मिलने के बाद ही होगा। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया होगा कि कौन सा भवन किस श्रेणी में है और कौन सा स्थान संवेदनशील की श्रेणी में है। इसी कारण रिपोर्ट के बाद ही आपदा प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि हर 15 दिन में जोशीमठ को लेकर कैबिनेट की बैठक होगी जिसमें मुआवजा दरों का भुगतान समेत अन्य विषयों पर भी चर्चा होगी और निर्णय लिया जाएगा तथा पुनर्वास के कार्यों को देखने के लिए शासन स्तर के तीन अधिकारियों की भी नियुक्ति की जाएगी। बीते गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से वार्ता के दौरान सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम और सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा द्वारा बताया गया कि कैबिनेट ने जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए भवन मुआवजे की दरें तय कर दी हैं। मुहावजे की दरों में व्यवसायिक एवं निजी भवनों को शामिल किया गया है जिनकी पांच श्रेणियां बनाई गई हैं, और दोनों ही मामले में प्रभावितों को तीन- तीन विकल्प दिए गए हैं। आवासीय मुआवजे की दरें श्रेणी के अनुसार तय की गई है जैसे बिना बीम वाले भवन और बीम वाले भवन को अलग-अलग मुआवजा मिलेगा और शासन द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भवन कितना पुराना है यह भवन स्वामी स्वयं घोषित करेंगे। इसके बाद मूल्यहास की राशि घटाने के बाद मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही बताते चलें कि जोशीमठ में मुआवजा वितरण का कार्य एसडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा और यदि किसी को भी इस बात से कोई आपत्ति होगी तो वह एसडीएम की अध्यक्षता में गठित शिकायत निवारण समिति के सामने अपनी बात रख सकता है। इस पर भी यदि वह संतुष्ट नहीं होता है तो जिलाधिकारी के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकता है मगर फिलहाल एसडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति ही मुआवजे का वितरण कार्य करेगी।
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