उत्तराखंड राज्य में फिर एक बार दरोगा भर्ती घोटाले के मामले में जांच धीमी पड़ गई है। इस घोटाले में 20 दरोगाओ को निलंबित किया गया था मगर उसके बाद जांच में तीव्रता नहीं आ पा रही है जिसका कारण रिजर्व पुलिस लाइन देहरादून से दरोगाओं के शारीरिक दक्षता संबंधी दस्तावेजों का ना मिलना है। विजिलेंस ने इस मामले में पुलिस मुख्यालय को 10 से 12 दिन पहले पत्र लिखा था लेकिन पुलिस मुख्यालय व एसएसपी कार्यालय के बीच तालमेल न बनने के कारण अभी तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हुए हैं। बता दें कि इन दरोगाओं की भर्ती 2015 में मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में हुई थी तब 339 पदों की भर्ती की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर को दी गई थी मगर इस भर्ती में गड़बड़ी सामने आने के बाद 20 दरोगाओ को निलंबित कर दिया गया है और अन्य के मामले में जांच जारी है लेकिन शारीरिक दक्षता संबंधित दस्तावेज उपलब्ध ना होने के कारण जांच की गति धीमी हो चुकी है।
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