
बागेश्वर| नुमाइशखेत मैदान में लगे वन विभाग के स्टॉल में उपलब्ध जायका स्वायत्त सहकारिता समूह के उत्पादन लोगों को खूब भा रहे हैं|
इस स्टाल में जिले के 82 वन पंचायतों के सहयोग से बनें खाद्य पदार्थों की बिक्री की जा रही है| वन विभाग की ओर से स्टॉल में पौधे भी बिक्री हेतु उपलब्ध है|
अब तक जायका समूह 70 हजार से अधिक के उत्पादन बेच चुका है|
स्टॉल में स्थानीय खाद्य उत्पादन लाल चावल, मंडुवे का आटा, भंगीरा, अचार, जूस, रिंगाल के उत्पादन, काली भट्ट, सोयाबीन समेत अन्य स्थानीय दालो आदि की लोगों में अच्छी मांग है| इन उत्पादों को समूह से जुड़े लोगों ने घर पर ही तैयार किया है और शानदार पैकिंग कर स्टाल पर इनकी बिक्री कर रहे हैं| स्टॉल में एक्वेरियम की तर्ज पर बना टेरेरियम लोगों में आकर्षण का केंद्र है| इस टेरेरियम में कई प्रकार के कैक्टस के पौधे रखे गए हैं| विभाग की ओर से शमी, मोरपंखी आदि के पौधे न्यूत्तम दाम में लोगों को बेचे जा रहे हैं|
रेंजर श्याम सिंह करायत के अनुसार, उत्तराखंड में 50 प्रकार की कैक्टस होते हैं| जिसमें से प्रमुख कैक्टस चुनकर टेरेरियम में रखे गए हैं| स्टॉल में पिंडारी क्षेत्र में पाई जाने वाला चूक के पौधे और जूस, औषधि के रूप में उपलब्ध होने वाला थुमेर समेत 50 से अधिक प्रकार के पौधे हैं| स्टॉल में आने वाले लोगों को विभागीय योजनाओं और पौधों के बारे में भी जानकारी दी जा रही|
