
उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भूमि कटाव को लेकर कई तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं और इसी दौरान भविष्य बद्री मंदिर को लेकर भी कई तरह की बातें हो रही हैं जिन्हें सुनकर वैज्ञानिक भी हैरान है और इसकी सत्यता जांचने में जुटे हुए हैं। वैज्ञानिकों की एक टीम ने भविष्य बद्री मंदिर का निरीक्षण भी किया है और यह भविष्यवाणी जोशीमठ तथा इसके आसपास के गांव में सदियों से लोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सुनाते आ रहे हैं। दरअसल जोशीमठ और उसके आसपास के गांवों के लोगों का कहना है कि भू कटाव के कारण जोशीमठ के रास्ते बद्रीनाथ मंदिर पहुंचने का रास्ता बंद हो जाएगा और भविष्य बद्री में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन होंगे। कही गई बातों के अनुसार भगवान बद्रीनाथ के मूल स्थान से अंतर्ध्यान हो जाने के बाद सुबई गांव क्षेत्र में वह अवतार लेंगे। यह स्थान जोशीमठ से मलारी की तरफ करीब 30 किलोमीटर दूर 26 मीटर की ऊंचाई पर है। पौराणिक मान्यता यह है कि यहां पर आदि गुरु शंकराचार्य ने देवदार के घने जंगलों के बीच भविष्य बद्री की स्थापना की थी और गांव के मध्य भविष्य बद्री का एक नवनिर्मित मंदिर स्थित है। इस तरह की बातें सामने आने के बाद वैज्ञानिक भी हैरान हो गए हैं तथा इस भविष्यवाणी की सत्यता जांचने में जुट गए हैं।


