जोशीमठ भू-धंसाव -: इसरो की रिपोर्ट में खुलासा, 12 दिनों में 150 प्रतिशत तेजी से धंसा जोशीमठ

जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सेटेलाइट डाटा आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ में बीते 212 दिनों में जमीन करीब 9 सेंटीमीटर धंसी है|

इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि बीते 12 दिनों में धंसाव की रफ्तार 150 फ़ीसदी तेज हो गई है| इस रिपोर्ट में कहा गया है कि धंसाव की शुरुआत 2 जनवरी 2022 को हुई| अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच धंसने की रफ्तार बेहद कम थी| कार्टोंसैंट- 2 एस सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों के आधार पर इसरो ने जोशीमठ में सेना के हेलीपैड और नरसिंह मंदिर समेत पूरे शहर को धंसाव के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है| तस्वीरों के जरिए इसरो ने कहा है कि अप्रैल 2022 से 8 जनवरी के बीच पूरा जोशीमठ करीब 9 सेंटीमीटर नीचे धंस गया| इसमें से 5.4 सेंटीमीटर धंसाव सिर्फ 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच हुआ है|
इससे पूर्व देहरादून स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) ने जुलाई 2020 से मार्च 2022 के बीच जोशीमठ और आसपास के करीब 6 किलोमीटर क्षेत्र की सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन किया| इस बारे में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है| जिसमें दावा किया गया है कि जोशीमठ सहित पूरी घाटी हर साल 6.62 सेंटीमीटर की दर से धंस रही है|
जोशीमठ भू-धंसाव के कारणों का पता लगाने के लिए सर्वे कर रही केंद्रीय संस्थानों की रिपोर्ट पर सरकार फैसला लेगी| रिपोर्ट के बाद कमेटी गठित की जाएगी| फिर रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा| सरकार वैज्ञानिकों की रिपोर्ट पर काम करेगी|