Uttrakhand- बिजली की किल्लत से फिर जूझने लगा राज्य……. लगातार बढ़ रही मांग के बीच चरमरा गई विद्युत आपूर्ति व्यवस्था

उत्तराखंड राज्य में फिर एक बार बिजली की कमी होने लगी है। यहां तक कि राज्य के साथ-साथ देश में भी बिजली की किल्लत हो रही है। कड़ाके की ठंड के बीच लगातार बिजली की मांग बढ़ रही है और मांग बढ़ने तथा उपलब्धता कम होने के कारण विद्युत आपूर्ति व्यवस्था भी चरमरा गई है। राज्य में विद्युत मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है जिसे पूरा करने के लिए ऊर्जा निगम हाथ पांव मार रहा है मगर काफी प्रयास करने के बाद भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बता दें कि देश में विद्युत उत्पादन में गिरावट का सबसे बड़ा कारण गैस और कोयले की कमी है और नदियों का जलस्तर भी न्यून हो चुका है जिससे जल विद्युत परियोजनाओं में भी उत्पादन घटा है। उत्तराखंड में बिजली संकट का एक कारण नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन से आवंटित कोटे की 200 मेगा वाट में 100 मेगावाट बिजली का मिलना भी है। उत्तराखंड राज्य में ऊर्जा निगम के अधिकारियों द्वारा ऊर्जा मंत्रालय और एनटीपीसी से कोटे की बिजली उपलब्ध कराने की गुहार लगाई जा रही है। इन दिनों उत्तराखंड राज्य में बिजली की खपत चरम पर है और पहली बार ऐसा हुआ है कि जब जनवरी में दैनिक विद्युत मांग 46 मिलियन यूनिट के पार पहुंची है। यहां तक कि रियल टाइम मार्केट से भी आवश्यकता के अनुसार बिजली उपलब्ध नहीं हो रही है। उत्तराखंड राज्य में वर्तमान समय में बिजली के कुल मांग 45 से 47 एमयू है और उत्पादन 11 से 13 एमयू वही बाजार से खरीद 10 से 12 एमयू और केंद्र से आवंटित अंश 13 से 15 एमयू है। वही प्रतिदिन औसत कमी 8 से 10 एमयू तक है।